5 Simple Techniques For hindi kahani story

hindi kahani story

बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय कहानी

अस्वाभाविक न लगे। जिस चरित्र को वह प्रस्तुत कर रहा है, वह समाज के अन्दर

उसके सामाजिक व्यवहार पर अधिक स्थिर होती है। 

युग की आरम्भिक कहानियाँ पुराने स्वरूप की थी। जिनका कथानक अलौकिक चमत्कारों से

शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क

भण्डारी, फणीश्वर नाथ रेणु, कमल जोशी, उषा प्रियंवदा

से अनके शिक्षाएँ तथा उद्धेश्य प्राप्त होते थे। इन कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता

मुख्य कहानीकारों की साहित्य सेवा का आंकलन करने के लिए साहित्य के इतिहासकारों ने

दिसंबर का महीना चल रहा था। कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। स्कूल-कॉलेज सब खुले हुए थे। पर ठंड अधिक पड़ने के कारण बच्चें कम ही आ रहें थे। प्रिया भी रोज की तरह अपने कॉलेज जाती थी। काॅलेज ...

गत वर्ष जब प्रयाग में प्लेग घुसा और प्रतिदिन सैकड़ों ग़रीब और अनेक महाजन, ज़मींदार, वकील, मुख़्तार के घरों के प्राणी मरने लगे तो लोग घर छोड़कर भागने लगे। यहाँ तक कि कई डॉक्टर भी दूसरे शहरों को चले गए। एक मुहल्ले में ठाकुर विभवसिंह नामी एक बड़े ज़मींदार मास्टर भगवानदास

इलाचन्द्र जोशी फ्राइड के मनोविश्लेषण सिद्धान्त को साथ लेकर चलने वाले लेखक हैं।

संतुष्ट व्यक्ति के लिए उपहार : तेनालीराम

लड़कपन में वणिक्-पुत्र सुना करता कि सात समुद्र, नव द्वीप के पार एक स्फटिकमय भूमि है। वहाँ एक तपस्वी क्या जाने कब से अविराम तप कर रहा है और उसकी पवित्रता के कारण सूर्यनारायण निरंतर उसकी परिक्रमा किया करते हैं और उसके तेज़ से वहाँ कभी अंधकार नहीं होता। उस राय कृष्णदास

टूटने आदि कई विषयों पर कहानियाँ लिखी गई है। शिल्प की दृष्टि से इन कहानियों में

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